सीआरपीएफ की बी/000 बटालियन में तैनात एक सिपाही "तुलाराम नेवार" फेसबुक पर एक फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने के बाद गंभीर साइबर अपराध और हनी ट्रैप में फंस गए। यह घटना न केवल आर्थिक नुकसान का कारण बनी, बल्कि बल की प्रतिष्ठा और व्यक्तिगत सम्मान पर भी प्रभाव पड़ा।
28 मई 2025 को दोपहर लगभग 3 बजे, एक अज्ञात महिला ने अनीता शर्मा नाम से फेसबुक अकाउंट (ID: 115096456) से सिपाही को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। सिपाही ने रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली और बातचीत के दौरान व्हाट्सएप नंबर (8448423853) भी शेयर कर दिया।
29 मई की रात 10:33 से 11:06 बजे के बीच महिला ने पहली वीडियो कॉल की। अगले दिन फिर एक और वीडियो कॉल हुई जिसमें महिला ने अश्लील हरकतें कीं। इसके बाद संपर्क अचानक बंद हो गया।
3 जून 2025 को दोपहर 1:45 बजे सिपाही को एक अज्ञात व्यक्ति का कॉल आया, जिसने खुद को दिल्ली पुलिस साइबर क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। उस व्यक्ति ने एक अश्लील वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी और ₹35,500 की मांग की।
सिपाही ने डर से 35,500 रुपये BHIM ऐप के माध्यम से नंबर 9703286944 पर ट्रांसफर कर दिए। थोड़ी ही देर बाद उस व्यक्ति ने कहा कि एक वीडियो डिलीट कर दिया गया है, और दूसरा हटाने के लिए फिर ₹35,500 मांगे।
इस प्रकार, लगातार धमकियों और ब्लैकमेलिंग के तहत सिपाही ने कुल 15 ट्रांजैक्शनों में ₹2,63,200 रुपये ट्रांसफर किए।
4 जून को फिर से ब्लैकमेलिंग कॉल्स आए लेकिन सिपाही ने जवाब नहीं दिया। अंततः उन्होंने 5 जून 2025 को इंफाल, मणिपुर के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में सामान्य डायरी संख्या XX/सीसीपीएस/2025 और पावती संख्या 320062500004XX के तहत शिकायत दर्ज कराई।
सोशल मीडिया पर अज्ञात व्यक्तियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करना जोखिम भरा हो सकता है।
संवेदनशील जानकारी या वीडियो कॉल में शामिल होना साइबर ब्लैकमेलिंग का कारण बन सकता है।
साइबर अपराधी खुद को पुलिस या अधिकारी बताकर भय का माहौल बनाते हैं।
भय या शर्मिंदगी के कारण पीड़ित अक्सर रिपोर्ट नहीं करते, जिससे अपराधी और सक्रिय हो जाते हैं।
सभी बल कर्मियों और नागरिकों को सोशल मीडिया के उपयोग में सावधानी बरतने की सख्त हिदायत दी जाए।
इस प्रकार की घटनाओं के प्रति जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
किसी भी ब्लैकमेलिंग कॉल की तुरंत शिकायत स्थानीय साइबर क्राइम थाने में की जाए।
किसी भी वीडियो कॉल या चैटिंग में निजी जानकारी या वीडियो साझा न करें।
बल सदस्यों को इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाए।
तुरंत बैंक को सूचित करें और ट्रांजैक्शन को फ्रीज़ कराने की कोशिश करें।
साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।
नजदीकी साइबर थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराएं।
मोबाइल नंबर, ट्रांजैक्शन स्क्रीनशॉट और कॉल रिकॉर्डिंग जैसे सबूत संभाल कर रखें।