पैराग्राफ 1: Pan-D क्या है और इसे क्यों लेते हैं?
Pan-D एक सामान्य दवा है, जिसे लोग अक्सर पेट में गैस, एसिडिटी, जी मिचलाने या उल्टी जैसी समस्याओं के लिए लेते हैं। यह दो दवाओं का मिश्रण है: पैंटोप्राजोल और डोमपेरिडॉन। पैंटोप्राजोल एक प्रोटॉन पंप इन्हिबिटर (PPI) है, जो पेट में एसिड बनने की प्रक्रिया को रोकता है। वहीं, डोमपेरिडॉन पेट की गतिशीलता को बढ़ाकर जी मिचलाने और उल्टी को कम करता है। डॉक्टर आमतौर पर इसे गैस्ट्राइटिस, GERD (गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज), पेप्टिक अल्सर या उल्टी जैसी समस्याओं के लिए सलाह देते हैं। लेकिन कई लोग बिना डॉक्टर की सलाह के इसे रोज लेने लगते हैं, जो खतरनाक हो सकता है।
पैराग्राफ 2: Pan-D के लंबे समय तक उपयोग के नुकसान
लंबे समय तक Pan-D लेने से शरीर में कई जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जैसे विटामिन B12, कैल्शियम और मैग्नीशियम। विटामिन B12 की कमी से याददाश्त कमजोर हो सकती है, डिप्रेशन हो सकता है और नसों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे ऑस्टियोपीनिया या ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा, पेट में एसिड कम होने से शरीर का प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक तंत्र कमजोर पड़ता है, जिससे H. pylori, क्लॉस्ट्रिडियम डिफिसाइल या निमोनिया जैसे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। डोमपेरिडॉन के लंबे उपयोग से दिल की धड़कन में गड़बड़ी (QT interval prolongation) हो सकती है, जो सडन कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकती है।
पैराग्राफ 3: रिबाउंड हाइपरएसिडिटी और दवा पर निर्भरता
Pan-D को अचानक छोड़ने से रिबाउंड हाइपरएसिडिटी की समस्या हो सकती है। इसका मतलब है कि पेट पहले से ज्यादा एसिड बनाने लगता है, जिससे और ज्यादा गैस या जलन होती है। इस वजह से लोग फिर से Pan-D लेने को मजबूर हो जाते हैं, और धीरे-धीरे वे इस दवा पर निर्भर हो जाते हैं। यह एक दुष्चक्र बन जाता है, जहां दवा शरीर को नियंत्रित करने लगती है। इससे न सिर्फ शारीरिक नुकसान होता है, बल्कि असल बीमारी का पता भी नहीं चल पाता।
पैराग्राफ 4: क्या Pan-D लेना गलत है?
Pan-D लेना गलत नहीं है, बशर्ते इसे डॉक्टर की सलाह के अनुसार और सीमित समय के लिए लिया जाए। यह दवा लक्षणों को कम करती है, लेकिन असल बीमारी का इलाज नहीं करती। उदाहरण के लिए, अगर आपकी गैस की समस्या का कारण गॉल ब्लैडर स्टोन, H. pylori इंफेक्शन, पैनक्रियाटिक रोग या गैस्ट्रिक कैंसर है, तो Pan-D से लक्षण तो कम हो सकते हैं, लेकिन बीमारी बढ़ती रहती है। इसलिए बिना जांच के इसे लंबे समय तक लेना खतरनाक हो सकता है।
पैराग्राफ 5: इससे क्या सीख मिली?
Pan-D या ऐसी दूसरी दवाओं (जैसे ओमेप्राजोल, एसोमेप्राजोल, रैबेप्राजोल) का इस्तेमाल हमें सावधानी से करना चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह के इन्हें रोज लेना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। हमें यह समझना होगा कि दवाएं लक्षणों को दबाने के लिए होती हैं, न कि बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए। अगर आपको बार-बार गैस, जलन या उल्टी की शिकायत है, तो डॉक्टर से जांच करवाएं और असल कारण का इलाज करवाएं।
पैराग्राफ 6: इसे कैसे रोकें और ठीक करें?
इस समस्या से बचने के लिए सबसे जरूरी है सचेतनता और जीवनशैली में बदलाव। खान-पान में सुधार करें, जैसे:
पैराग्राफ 7: दूसरों की कैसे मदद करें?
इस जानकारी को अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करें। लोगों को समझाएं कि बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं लेना कितना खतरनाक हो सकता है। अगर कोई रोज Pan-D या ऐसी दवाएं ले रहा है, तो उसे डॉक्टर से मिलने की सलाह दें। सोशल मीडिया पर इस तरह की जानकारी शेयर करके दूसरों को जागरूक करें। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और सही समय पर डॉक्टरी सलाह लेने से हम कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं।
नोट: यह लेख केवल स्वास्थ्य जागरूकता के लिए है। Pan-D का नाम उदाहरण के तौर पर लिया गया है। कोई भी दवा लेने से पहले रजिस्टर्ड डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
लेखक: डॉ. सौरव भकत, MBBS, DNB (सेंट्रल गवर्नमेंट, PGT), क्रिटिकल केयर, पेन मेडिसिन, एनेस्थेसियोलॉजिस्ट