मुंबई के खार (Khar West) क्षेत्र में 12 जुलाई 2025 की सुबह, 56 वर्षीय दीनेश दयाराम गुप्ता, जो पान स्टॉल चलाते हैं, ने महसूस किया कि शनिवार की भीड़ में दोगुना समय हुआ पर उनके UPI खाते में पैसे नहीं आ रहे। ग्राहकों ने QR कोड स्कैन किया और ‘Payment Successful’ स्क्रीन दिखाया, लेकिन उनकी बैंक में ₹49,000 तक का पैसा कभी जमा नहीं हुआ।
बाद में जांच में पता चला कि उनकी दुकान के सामने लगे असली QR कोड पर एक नकली QR स्टिकर चिपका था, जिसमें नाम ‘Shivam Dubey’ दर्ज था । पास के अन्य स्टॉल—जलेबी, तरह‑तरह के फल, चाय दुकान—के भी QR कोड पर यही जालीकातर स्कैम लागू था। ग्रेइन स्टिकर्स में बदलाव से ग्राहकों का पैसा सीधे शिव ओम चंद्रभान दुबे के बैंक खाते में गया ।
पुलिस ने पता लगाया कि सीधा तीन बैंक खाते (HDFC, Axis, IDFC) को फ्रीज़ किया गया है। दावा है कि वहाँ से कम से कम ₹49,000 की राशि जब्त की गई है, लेकिन असली धोखाधड़ी का साइज़ अभी भी चल रही जांच में आंका जा रहा है ।
नकली QR कोड प्रिंट एंड स्टिक: दुबे नामक व्यक्ति छोटे दुकानदारों की दुकान के QR कोड की नकल कर उनके ऊपर अपने QR कोड स्टिक कर देते।
ग्राहक भ्रमित होते हैं: ग्राहक को ‘Payment Successful’ स्क्रीन दिखता है, वे विश्वास कर धन्यवाद कर देते।
पैसा गलत जगह जाता है: ग्राहक का पैसा सीधे दुबे के खाते में जाता है, दुकानदार को कोई भुगतान अलर्ट नहीं मिलता।
देर से पता चलता है: UPI ऐप रियल‑टाइम अलर्ट न होने की वजह से दुकानदार देर तक कुछ नहीं समझ पाते।
यह धोखाधड़ी लो‑टेक लेकिन बेहद प्रभावी है—QR कोड पर थोड़ा सा स्टिकर लगाने भर से फ़ंड डायवर्ट किया जा सकता है ।
दूसरे दुकानदारों के बयान से FIR दर्ज की गई।
पुलिस ने तुरंत तीन बैंक अकाउंट फ्रीज़ कर दिए और ₹49,000 रिकवर किये।
आरोपी दुबे को यूपी के Bhakra village का निवासी बताते हुए गिरफ्तार किया गया, जो कथित तौर पर YouTube से यह स्कैम सीख चुका था।
FIR विवरण में शामिल हैं: IPC Section 420 (धोखाधड़ी), IT Act Section 66D (digital impersonation) आदि ।
भारत भर में QR‑फ्रॉड (quishing) मामले 2023‑24 में लगभग 40,000 से अधिक दर्ज हुए, जिसमें लगभग ₹56 करोड़ का नुकसान था ।
इंडिया टुडे और Business Standard ने चेतावनी दी है कि यह स्कैम देश भर में तेजी से बढ़ रहा है और सावधानी आवश्यक है।
UPI अलर्ट तुरन्त चेक करें — ग्राहकों की स्क्रीन पर भरोसा न करें।
QR कोड को नियमित रूप से विज़ुअली निरीक्षण करें — कोई स्टिकर या लेयर जोड़ दी गई है क्या?
QR कोड को लैमिनेट या फ्रेम में लगाएं ताकि आसानी से बदला न जा सके।
ऑडियो या SMS ट्रांजेक्शन अलर्ट सक्षम रखें — इन पर तुरंत ध्यान दें।